अगर कोरोना वायरस का रोना न होता, तो मुर्गे की असल कीमत 100 रुपये से भी ज्यादा होती. वहीं मंडी में गोश्त की कीमत करीब 75 से 100 रुपये के करीब बताई जा रही है.
गाजीपुर मंडी में 35-40 रुपये में बिक रहा मुर्गा
गोश्त की कीमत करीब 75 से 100 रुपये
देश में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. कोरोना संकट से बचने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. हालांकि इस बीच कई चीजों के दामों पर असर भी देखने को मिल रहा है. वहीं कोरोना के कारण जिंदा मुर्गा 35 रुपये से 40 रुपये किलो की कीमत पर बिक रहा है.
ये दाम एशिया की सबसे बड़ी चिकन मंडी गाजीपुर का है. यहां 35-40 रुपये में जिंदा मुर्गा बिक रहा है. अगर कोरोना वायरस का रोना न होता, तो इस मुर्गे की असल कीमत 100 रुपये से भी ज्यादा होती. वहीं मंडी में गोश्त की कीमत करीब 75 से 100 रुपये के करीब बताई जा रही है.
मंडी में चिकन के होलसेल विक्रेता मकसूद का कहना है, 'किसान, आढ़ती और सप्लायर को इस समय सबसे ज्यादा नुकसान है. किसान को प्रति मुर्गे को पालने में 100 रुपये से ज्यादा का खर्च आ जाता है. अभी हालत यह है कि एक मुर्गे वाली गाड़ी को मंडी तक पहुंचने में तकरीबन 2 से 4 दिन का वक्त लग रहा है, जबकि पहले हर रोज 150 से 200 गाड़ियां आती थीं. अब सिर्फ 30 से 40 गाड़ियां पहुंच रही हैं, जिनका माल खत्म होने में दो से 3 दिन का वक्त लग रहा है.'
एशिया की सबसे बड़ी चिकन की होलसेल मंडी में कई फाइव स्टार और बड़े-बड़े होटल का टेंडर लिया जाता है और उन्हें साफ-सफाई करके माल को सौंपा जाता है. लेकिन ज्यादातर होटल बंद होने से माल बिक नहीं रहा है. वहीं हालात ये हैं कि अधिकतर चिकन की दुकानें बंद है. कुछ फुटकर छोटे दुकानदार ही माल लेने पहुंच रहे हैं.
दूसरी तरफ आजादपुर सब्जी मंडी में प्याज के होलसेल विक्रेता सुनील कुमार ने बताया, 'होलसेल में एक मन यानी 40 किलो प्याज की कीमत करीब 650 रुपये है, जो मंडी से निकलने के बाद औसत रूप से 20 रुपये किलो बेची जा रही है. कई जगहों पर इसकी कीमत 40 रुपये और 50 रुपये भी है.
दिल्ली 35-40 रुपये किलो बिक रहा मुर्गा, फिर भी नहीं हैं खरीदार
 
        Reviewed by Indrajeet Saini
        on 
        
April 16, 2020
 
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