Struggle To Success Story in Hindi - संघर्ष ही जीवन है।

Biography for Success Story

Biography for Success Story in Hindi दोस्तो हम आपके साथ शेयर कर रहे है।

                 स्टीफन हॉकिंग 

मशहूर साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान क्षेत्र Me काफी योगदान दिया है स्टीफन हॉकिंग Ka जीवन शुरू से ही काफी कठिनाइयों Se भरा हुआ था लेकिन फिर Bhi उन्होंने वैज्ञानिक बनने Ke लिए अपने सपने को पूरा किया और विज्ञान के क्षेत्र Me अपना अनगिनत योगदान दिया उनके योगदान Ke चलते कई ऐसी चीजों के बारे Me खोज की गई जिसकी कल्पना शायद Hi पहले किसी ने की हो। 

स्टीफन हॉकिंग का जन्म और परिवार 

स्टीफन हॉकिंग Ka जन्म इंग्लैंड देश में सन 1942 में हुआ था। जिस वक्त हॉकिंग Ka जन्म हुआ था उस वक्त दुनिया Me द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था स्टीफन हॉकिंग Ke माता और पिता का घर नॉर्थ लंदन Me हुआ करता था लेकिन इस युद्ध Ke कारण उन्हें अपना घर बदलना पड़ा Or वो लंदन की एक सुरक्षित जगह Par आकर रहने लगे।
Struggle To Success Story in Hindi - संघर्ष ही जीवन है।
स्टीफन के पिता Ek चिकित्सा शोधकर्ता के रूप Me कार्य करते थे। जिनका Name फ्रैंक था वहीं इनकी माता का Name इसोबेल था। और जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान Me बतौर एक सचिव के रूप Me काम करती थी। हॉकिंग Ke माता-पिता की मुलाकात चिकित्सा अनुसंधान संस्थान Me कार्य करने के दौरान Hi हुई थी जिसके बाद उन्होंने शादी Kar ली थी। और इनके कुल चार बच्चे थे जिनका Name स्टीफन, फिलिपा, मेरी Or एडवर्ड था। एडवर्ड इनका गोद लिया हुआ बेटा था।

स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा 

स्टीफन जब आठ वर्ष Ke थे तब उनके परिवार वाले सेंट अल्बान Me आकर रहने लगे और यहां Ke ही एक स्कूल Me स्टीफन का दाखिला करवा दिया गया अपनी स्कूल शिक्षा पूरी करने Ke बाद स्टीफन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय Me दाखिला लिया Or यहां पर इन्होंने भौतिकी (Physics) विषय Par अध्ययन किया। जिस वक्त इन्होंने इस विश्वविद्यालय Me दाखिला लिया था Us वक्त इनकी आयु महज 17 वर्ष की थी।

कहा जाता है कि स्टीफन Ki गणित विषय Me रुचि थी और इसी विषय Me अपनी पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन उस वक्त ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय Me यह विषय नहीं हुआ करती थी जिसके कारण उन्हें भौतिकी विषय Ko चुनना पड़ा। भौतिकी विषय Me प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल करने Ke बाद इन्होंने केम्ब्रिज विश्वविद्यालय Se अपनी आगे की पढ़ाई की। साल 1962 Me केम्ब्रिज विश्वविद्यालय Me डिपार्टमेंट ऑफ़ एप्लाइड मैथमेटिक्स थ्योरिटिकल फिजिकल (डीएएमटीपी) Me इन्होंने ब्रह्माण्ड विज्ञान Par अनुसंधान किया।

साल 1963 में खराब हुई सेहत 

स्टीफन हॉकिंग आम लोगों Ke जैसे ही अपना जीवन जी रहे थे लेकिन साल 1963 Me इनकी  सेहत खराब होने लगी। 21वर्ष स्टीफन की बिगड़ती हालत Dekh उनके पिता उन्हें अस्पताल ले गए जहां Par उनकी जांच की गई और जांच Me पाया गया कि स्टीफन Ko एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस Cartographic lateral sclerosis (ALS) नामक बीमारी है,। इस बीमारी Ke कारण शरीर के हिस्से धीरे-धीरे कार्य करना बंद कर देते हैं Or इस बीमारी Ka कोई भी इलाज नहीं है जिस वक्त स्टीफन Ko इस बीमारी का पता चला था Us वक्त वो केम्ब्रिज विश्वविद्यालय Se अपनी पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी Ko अपने सपनों के बीच नहीं आने दिया बीमार होने Ke बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई Ko पूरा किया और साल 1965 में उन्होंने Aapni पीएचडी की डिग्री हासिल की । पीएचडी Me इनके थीसिस का शीर्षक "प्रॉपर्टीज Of एक्सपेंडिंग यूनिवर्स" था ।

स्टीफन हॉकिंग की पत्नी 

जिस साल स्टीफन Ko अपनी बीमारी के बारे Me पता चला उसी साल उनकी मुलाकात Aapni पहली पत्नी यानी जेन वाइल्ड Se हुई थी। हॉकिंग के इस बुरे वक्त Me उनका साथ दिया Or साल 1965 में उन्होंने शादी कर ली। जेन Or हॉकिंग के कुल तीन बच्चे थे और उनके Name रॉबर्ट, लुसी Or तीमुथियस है हॉकिंग की ये शादी 30 साल तक चली थी Or साल 1995 में जेन Or हॉकिंग ने तलाक ले लिया था। तलाक Ke बाद हॉकिंग ने ऐलेन मेंसन (Elaine Mason) से विवाह Kar लिया था। और साल 1995 में हुई ये शादी साल 2016 तक Hi चली थी।   

स्टीफन हॉकिंग का कैरियर 

केम्ब्रिज Se अपनी पढ़ाई पूरी करने Ke बाद भी हॉकिंग इस कॉलेज Se जुड़े रहे और इन्होंने Ek शोधकर्ता के रूप Me यहां कार्य किया। इन्होंने साल 1972 में डीएएमटीपी Me बतौर एक सहायता शोधकर्ता Me अपनी सेवाएं दी Or इसी दौरान उन्होंने Aapni पहली अकादमिक पुस्तक, "द लाज स्केल Of स्पेस-टाइम" लिखी थी। यहां पर Kuchh समय तक कार्य करने Ke बाद साल 1974 में इन्हें रॉयल सोसायटी (फैलोशिप) Me शामिल किया गया। जिसके Bad उन्होंने साल 1975 में डीएएमटीपी Me बतौर गुरुत्वाकर्षण भौतिकी रीडर Ke तौर पर भी कार्य किया Or साल 1977 में गुरुत्वाकर्षण भौतिकी के प्रोफ़ेसर Ke रूप में यहां पर अपनी सेवाएं दी। वहीं इनके कार्य Ko देखते हुए साल 1979 में इन्हें कैम्ब्रिज Me गणित के लुकासियन प्रोफेसर नियुक्त किया गया था, जो कि दुनिया Me सबसे प्रसिद्ध अकादमी पद है Or इस पर उन्होंने साल 2006 तक Ka कार्य किया।

स्टीफन हॉकिंग को मिले पुरस्कार और उपलब्धियां 

प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग Ke पास कुल तरह (13) मानद डिग्रियां हैं। वहीं उनके योगदान Ke लिए उन्हें कई अवॉर्ड दिए गए हैं और इन्हें अभी तक किए गए पुरस्कारों की जानकारी दी गई है ।

साल 1966 में स्टीफन हॉकिंग Ko एडम्स पुरस्कार दिया गया था। इस पुरस्कार Ke बाद इन्होंने साल 1975 में एडिंगटन पदक Or साल 1976 में मैक्सवेल मेंडल एंड प्राइस मिला था।

हेइनीमान पुरुस्कार हॉकिंग Ko साल 1976 में दिया गया था। इस पुरुस्कार Ko पाने के बाद इन्हें साल 1978 में एक Or पुरस्कार से नवाजा गया था Or इस पुरुस्कार का Name अल्बर्ट आइंस्टीन मेंडल था।

साल 1985 में हॉकिंग Ko आरएएस गोल्ड मेडल Or साल 1987 डिराक मेंडल ऑफ द इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल Bhi दिया गया था। इसके बाद सन 1988 Me इस महान वैज्ञानिक Ko वुल्फ पुरस्कार Bhi दिया गया था।

प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवॉर्ड Bhi हॉकिंग ने साल 1989 में अपने Name क्या था। इस अवॉर्ड Ko मिलने के कुछ समय बाद इन्होंने एंड्रयू जेमेंट अवार्ड (1998), नायलोर पुरस्कार Or लेक्चरशिप (1999) दिया गया था।

साल 1999 में Jo अगला पुरस्कार मिला था उसका Name लिलाइनफेल्ड पुरुस्कार था Or रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट की तरफ Se इसी साल इन्हें अल्बर्ट मेंडल Bhi दिया गया था।

ऊपर बताए गए अवार्ड Ke अलावा इन्हेंने कोप्ले मेंडल (2006) प्रेसिडेंटियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), फंडामेंटल फिजिक्स प्राइज (2012) Or बीबीवीए फांउडेशन फ्रंटियर्स ऑफ नॉलेज अवार्ड (2015) Bhi दिया गया है।

स्टीफन हॉकिंग द्वारा किए गए कार्य 

प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्माण्ड Ko नियंत्रित करने वाले बुनियादी लॉ Par कई शोध किए हैं। हॉकिंग Ne अपने साथी रोजर पेनरोस Ke साथ मिलकर एक शोध किया था। Or दुनिया को बताया था अंतरिक्ष Or समय, ब्राह्मण Ke जन्म के साथ शुरू हुए है Or ब्लैक होल के भीतर समाप्त होंगे।
Struggle To Success Story in Hindi - संघर्ष ही जीवन है।
आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी Or क्वांटम थ्योरी का प्रयोग करके, हॉकिंग ने ये Bhi निर्धारित किया कि ब्लैक होल पूरी तरह Se शांत Nahi है बल्कि उत्सर्जन विकिरण करता है।

इसके अलावा हॉकिंग ने ये Bhi प्रस्ताव किया था कि ब्रह्माण्ड की कोई सीमा Nahi है और विज्ञान की मदद Se ये भी पता किया Ja सकता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत कब हुई थी Or कैसे हुई थी।

इस्टीफ़न हॉकिंग द्वारा लिखी गई किताबें 

इस्टीफ़न हॉकिंग Ne अपने जीवन काल Me कई किताबें भी लिखी हैं Or उनकी किताबें अंतरिक्ष के विषय में लिखी गई है Unke द्वारा लिखी गई कुछ किताबों Ki जानकारी दी है।

"ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम"- हॉकिंग द्वारा लिखी गई Sabse पहली किताब Ka नाम "ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम" था। ये किताब बिग बैंग Or ब्लैक होल के विषय Par आधारित थी Or साल 1988 में प्रकाशित हुई ये किताब 40 भाषाओं Me उपलब्ध है।

"द यूनिवर्स इन ए नटशेल"- ये किताब साल 2001 Me प्रकाशित की गई थी Or होंगी द्वारा लिखी गई इस किताब Ko साल 2002 में एवेंटिस प्राइस ऑफ साइंस बुक मिला था।

"द ग्रैंड डिजाइन"- हॉकिंग द्वारा Likhi गई "द ग्रैंड डिजाइन" किताब साल 2010 में प्रकाशित हुई थी Or इस किताब में Bhi अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारी दी गई थी। ये किताब Bhi काफी सफल किताब साबित हुई थी।

"ब्लैक होल Or बेबी यूनिवर्स"- ये किताब साल 1993 में आई थी Or इस पुस्तक में हॉकिंग द्वारा ब्लैक होल से संबंधित लिखे गए निबंधों Or व्याख्यानों का जिक्र था। इसके अलावा हॉकिंग Ne बच्चों के लिए Bhi एक किताब लिखी थी। जिसका Name "जॉर्ज और द बिग बैंग" था Or ये किताब साल 2011 में आई थी।

स्टीफन हॉकिंग के उद्धरण 

० जीवन दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि ये अजीब Or रोचक भरा ना Ho तो।   
० अगर Aap हमेशा नाराज रहेंगे एवं कोसते Hi रहेंगे तो किसी के पास Aapke लिए टाइम नहीं होगा।

० मेरे जीवन Ka लक्ष्य बहुत ही आसान है और ये लक्ष्य इस ब्रह्मांड Ko समझना है और ये Pata लगाना है कि ये ऐसा क्यों है Or ये क्यों है।
० अज्ञानता दुश्मन Nahi है, जबकि दुश्मन वो भृम है Jo ये कहे कि आपको सब Kuchh आता है।

स्टीफन हॉकिंग के जीवन पर बनी फिल्म 

साल 2014 में इन Par एक मूवी बनाई गई जिसका  Name "द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग" है। इस फिल्म में उनकी जिंदगी के संघर्ष Ko दिखाया गया था और बताया गया था। कि किस तरह Se इन्होंने अपने सपनों को पूरा किया था।

स्टीफन हॉकिंग की कुल संपत्ति 

इंग्लैंड के कैम्ब्रिज शहर Me स्टीफन हॉकिंग का खुद का एक Ghar है और इस वक्त उनके Pass कुल $20 मिलियन की संपत्ति है। उन्होंने यह संपत्ति Apne कार्य, पुरस्कारों और किताबों Ke जरिए कमाई है।

स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु 

स्टीफन हॉकिंग लम्बे समय Se बीमार चल रहे थे। एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी Ke कारण इन्होंने अपने जीवन Ke लगभग 53 साल व्हील चेयर Par बिताए हैं। वहीं 14 मार्च 2018 Ko इस महान वैज्ञानिक ने अपनी अंतिम सांस ली है Or इस दुनिया से विदाई ले ली। लेकिन वैज्ञानिक Me उनके द्वारा दिए गए योगदान Ko कभी Bhi भुला नहीं जा सकता।



दोस्तो आपको ये Biography for Success story in hindi पोस्ट आपको कैसी लगी इस बारे में हमे अपने विचार नीचे comment के माध्यम से अवश्य दे।
Struggle To Success Story in Hindi - संघर्ष ही जीवन है। Struggle To Success Story in Hindi - संघर्ष ही जीवन है। Reviewed by Indrajeet Saini on October 14, 2018 Rating: 5

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