Thomas Edison success story
Thomas Edison biography in Hindi. Success story Thomas Edison in hindi
Thomas Edison Success story in Hindi दोस्तो हम आपके साथ शेयर कर रहे है।
नमस्कार दोस्तों Aaj हम ऐसे व्यक्ति के बारे Me जानेंगे जिसे बचपन में स्कूल Se यह बोलकर निलकल दिया गया था। Aapka बच्चा मानसिक रूपसे कमजोर है जो हमारे स्कूल Ke लायक नहीं है और हम इसे अपने स्कूल में Nahi पढ़ा सकते।
थॉमस अल्वा एडिसन Ji हां यही वह व्यक्ति हैं जिन्हें बचपन Me मंदबुद्धि बोलकर स्कूल Se निकाल दिया गया था।
लेकिन वह अपने मेहनत Ke बल पर ऐसे मुकाम हासिल किए जिस मुकाम के Sabhi सपने देखते हैं हां हम उन्हीं की बात कर रहे हैं।
जिन्होंने बल्ब Ka आविष्कार करके पूरी दुनिया को प्रकाश प्रदान क्या सिर्फ बल्ब ही Nahi और ढेर सारे अविष्कार दुनिया Ko दिये तो चलिए जानते हैं।
सदी Ke महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन की सफलता Ke रहस्य को Ek कहावत सही लिखी गई है की Ek सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे Ek औरत का हाथ होता है।
और वो औरत कोई Nahi थॉमस अल्वा एडिसन की माँ Hi थी। थॉमस अल्वा एडिसन जब प्राइमरी स्कूल Me पढ़ते थे तब Ek दिन एडिशन को उनके स्कूल से Ek लेटर मिला वह लेटर लेकर एडिशन ने अपनी मां Ko दिया लेटर Ko पढ़ते ही उनकी आंखों Se आंसू आने लगते हैं एडिसन ने अपनी मां Se पूछा कि लेटर Me क्या लिखा है। माँ अपनी आंखों Ke आंसू पोछते हुये मां बोली की बेटा इस लेटर Me लिखा हुआ है।
की आपका बच्चा इतना होनहार Or तेज है कि हम इसे पढ़ाने में असमर्थ हैं हमारे स्कूल Me इसके लायक साधन ही Nahi है हमारा स्कूल आपके बच्चे के लायक Nahi है और आप इन्हें हमारे स्कूल में मत भेजे इन्हें Ghar पर ही पढ़ाये।
Agar उस वक्त एडिशन की मां उन्हें सच्चाई Bata देती कि तुम्हारे बच्चा मंदबुद्धि होने Ke कारण तुम्हें स्कूल से निकाल दिया गया है।
तो शायद Aaj पूरी दुनिया बल्ब फोनोग्राफी Or ना जाने कितने सैंकड़ों आविष्कारों Se वंचित रह जाती।
Ek दिन एडिशन अपने खाली समय में घर Ke पुरानी यादगार चीजों Ko देख रहे थे तभी उनका ध्यान अलमारी पर रखी Ek संदूक पर गया।
एडिशन Ne संदूक खोला तो उन्हें स्कूल Se मिला वह लेटर दिखा लेटर Ko देखते ही एडिशन Ne उसको खोलकर देखा जिसमें लिखा था कि Aapka बच्चा मंबुद्धि है Or हम इसे अपने स्कूल Se निकाल रहे हैं लेटर को पढ़ते Hi एडिशन भावुक हो गया Or उसी समय अपनी डायरी में लिखा कि Ek माँ ने मंबुद्धि बालक Ko सदी का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बना दिया।
अंत में मैं आप Sabhi को यही कहना चाहता हूं कि थॉमस अल्वा एडिसन मंबुद्धि Hote हुए भी अपनी मेहनत और आत्मविश्वास Ke बल पर आज सदी Ka महान वैज्ञानिक बने तो आप क्यों Nahi बन सकते।
आज आप जहां Bhi हो जीरो से ही शुरू करें अपनी मेहनत को पूरी लगन Ke साथ आपको सफलता जरूर मिलेगी ।
दोस्तो आपको ये Motivational story in hindi पोस्ट आपको कैसी लगी इस बारे Me हमे अपने विचार नीचे comment के माध्यम से अवश्य दे।
Thomas Edison Biography and Success story in Hindi - थॉमस एडिसन।
Reviewed by Indrajeet Saini
on
October 18, 2018
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