आगरा, अजय दुबे। बेंगलूरू से कोरोना संक्रमण के साथ अपने पिता के घर आगरा पहुंची युवती अब स्वस्थ होकर वापस मायके पहुंच चुकी है। मंगलवार रात एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को छुट्टी दी गई तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। दुनियाभर में जहां कोरोना से मौतें हो रही हैं, वहीं इस युवती के इलाज में दवा से ज्यादा डाइट ने काम किया। युवती को डाइट में दो हजार कैलोरी दी गई, गर्म फीका दूध, चाय और गर्म पानी पीने के लिए दिया गया। आइए जानते हैं आगरा में हुए इलाज की केस हिस्ट्री। किस तरह चिकित्सकों की टीम और युवती ने कोरोना से जंग में फतेह हासिल की...
रेलवे कॉलोनी निवासी रेलवे अधिकारी की 25 साल की आइटी कंपनी में कार्यरत बेटी शादी के बाद यूरोप घूमने गई थी। वहां से बेंगलुरू ससुराल पहुंची, नौ मार्च को आगरा आ गई। बेंगलुरू में युवती के पति में कोरोना की पुष्टि होने पर 12 मार्च को सैंपल लिए गए। युवती में कोरोना की पुष्टि होने के बाद 13 मार्च को एसएन के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। यहां डॉक्टरों की टीम ने युवती का इलाज किया। उसे पैरासीटामोल सहित सामान्य एंटी बायोटिक और एंटी एलर्जिक दवा दी गई। इसके साथ ही खाने में दो हजार किलो कैलोरी दी गई। इसके लिए हर रोज टीम ने डाइट चार्ट तैयार किया। युवती को पूरे दिन एक कमरे में रहना था, एसिडिटी ना हो, इसके लिए कीफा दूध दिया गया। गर्म पानी के गरारे भी किए और चाय का सेवन किया। युवती की 27 और 28 मार्च को सैंपल भेजे गए, दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आइ है। युवती के पूरी तरह से ठीक होने के बाद छुटटी कर दी गई।
वाटसएप ग्रुप से जुडी रही टीम
एसएन प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड के लिए वाटसएप ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में अपडेट दी जाती है, किचिन से खाना निकलते ही अपडेट कर दिया जाता है, यहां पीपीई किट पहनकर टीम तैयार रहती है। इसी तरह से इलाज की अपडेट भी ग्रुप पर दी गई।
खाने में हरी सब्जी, प्रोटीन और कैलोरी का रखा ध्यान
खाने में चपाती के साथ ही पालक, लौकी, सोयाबीन की सब्जी। फल में केला, सेब, पपीता दिया गया। गला खराब होने के कारण खटृटे फल नहीं दिए गए। सलाद में खीरा दिया गया। पहले मिर्च मसालों का इस्तेमाल कम किया। तबीयत में सुधार होने के बाद सामान्य खाना देना शुरू कर दिया।
यह रही डाइट
दिन में पांच बार में तीन लीटर पानी और चाय के साथ अन्य खाद्य पदार्थ िदिए गए। उनका शिड्यूल इस तरह रहा
1. सुबह 7 से 7.30 बजे चाय
2. 12 से एक बजे तक खाना, दाल, रोटी, सब्जी और सलाद, एक फल।
3. शाम चार बजे चाय व बिस्किट।
4. रात आठ से नौ बजे दाल, रोटी, सब्जी।
5. रात 10 बजे फीका दूध।
अब चल रहा तीन का इलाज
अब काेरोना के संक्रमित मरीज दिल्ली नहीं भेजे जा रहे। उनका इलाज आगरा में ही किया जा रहा है। बेंगलूरू से आई युवती के स्वस्थ होने पर आगरा के चिकित्सकों की टीम को भी हौंसला प्रदान किया है।
एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के आइसोलेशन वार्ड में अब अमेरिका से लौटा 21 वर्षीय डॉक्टर का बेटा 26 मार्च से भर्ती है। लंदन से लौटी खंदारी क्षेत्र निवासी कारोबारी की बेटी को 27 मार्च को भर्ती किया गया था। वहीं, 29 मार्च को कोरोना की पुष्टि होने के बाद इंग्लैंड से लौटे रावली निवासी कॉलेज संचालक के बेटे को भर्ती किया गया है। ये तीनों ही छात्र हैं। इन्हें भी कोरोना संक्रमित युवती की तरह से सामान्य दवाएं दी जा रही हैं, डाइट का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
कोरोना फाइल
आगरा में अब तक कोरोना के पॉजिटिव केस- 11
ठीक हुए- आठ
सफदरजंग में थे भर्ती- सात
एसएन में हैं भर्ती मरीज- तीन
इलाज करने वाली टीम की बात
डा. आरके वर्मा ने कहा कि चेकअप करने में महज 15 मिनट लगे थे। 13 मार्च को युवती को भर्ती हुई थी। उसके बाद कई तरह के सवाल थे। सुरक्षा का ध्यान भी रखना था, गले में खरास थी, लक्षण को देखते हुए सामान्य दवाएं दी गईं।
निगेटिव रिपोर्ट आने पर ली राहत
डॉ प्रशांत प्रकाश ने बताया कि कोरोना संक्रमित युवती के 14 से 28 मार्च के बीच में छह सैंपल भेजे गए, पहले पॉजिटिव रिपोर्ट आइ, बाद की दो रिपोर्ट निगेटिव आने पर राहत मिली। यह पहला केस है, मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुका है।
हमें तो गॉड गिफ्ट है
नर्स शालिनी जोनसन ने बताया कोरोना संक्रमित युवती के भर्ती होने के बाद सुरक्षा को लेकर बेटी चिंतित थी, फोन करती थी, मैं उससे कहती थी कि हमें तो गॉड गिफ्ट है, कुछ नहीं होगा। युवती पूरी तरह से ठीक हो चुकी है।
काउंसिलिंग की, गर्म पानी दिया
नर्स करुणामी ने बताया कि कोरोना को लेकर तमाम तरह के सवाल थे, ये धीरे धीरे कम होते गए। मरीज की भी काउंसिलिंग की, गर्म पानी दिया और बातें भी की, जिससे आइसोलेशन रूम में रहने से बोरियत ना हो।
समय पर दी डाइट, कराया सेनेटाइज
वार्ड बॉय अतुल ने बताया दिन में डाइट देने के साथ ही वार्ड को भी सेनेटाइज कराया। पीपीई किट पहनकर अंदर जाते थे, बाहर निकलते ही गेट पर हाइपो क्लोराइट का घोल बनाकर रख लिया था, उसमें उसमें किट डाल देते थे।
इलाज करने वाली टीम
डॉ आरके वर्मा, डॉ अजीत चाहर, डॉ जितेंद्र दौनेरिया, डॉ प्रशांत प्रकाश, डॉ म्रदुल चतुर्वेदी, डॉ अंजना पांडे, डॉ आशीष गौतम, डॉ प्रभात अग्रवाल, डायटीशियन मिनी शर्मा, जूनियर डॉक्टर वकील, दिवाकर, पंकज, पुलकित, अजय मौर्या, अभिषेक, मैटर्न शालिनी जोनसन, नर्स करुणामी, सुमन, वार्ड बॉय अतुल आदि।
कोरोना के 11 केस आ चुके हैं। इसमें से चार का इलाज एसएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, इसमें से 13 मार्च को भर्ती कोरोना संक्रमित युवती पूरी तरह से ठीक हो चुकी है। यह आगरा में इलाज के बाद ठीक होने वाला पहला केस है, डॉक्टर उत्साहित हैं।
प्रभु एन सिंह, जिलाधिकारी
कोरोना संक्रमित पहला मरीज एसएन में इलाज के बाद ठीक हो गया है। उसे सामान्य दवाएं और अच्छी डाइट दी गई। डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों ने मेहनत की, उसके अच्छे रिजल्ट आए हैं।
डॉ जीके अनेजा, प्राचार्य एसएन मेडिकल कॉलेज
आगरा में ठीक होने वाला यह पहला केस है, पूरी टीम उत्साहित है। अभी तीन और मरीज भर्ती हैं, इनकी भी हालत ठीक है।
डॉ मुकेश वत्स, सीएमओ व नोडल अधिकारी
दवा से ज्यादा डाइट ने किया काम, जानिए कैसे ठीक हुई संक्रमित युवती
Reviewed by Indrajeet Saini
on
April 10, 2020
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