अभी तक आप अपने बच्चे को मोबाइल से दूर रहने की सलाह देते आए हैं। लेकिन हो सकता है कि अब आप खुद अपना मोबाइल बच्चे को इस्तेमाल करने के लिए दें। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हुए देश में मोबाइल बच्चों को पढ़ाने का नया माध्यम बनकर उभरा है।अनेक सरकारी और प्राइवेट स्कूल इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ाई के इस नए डिजिटल माहौल से जहां बच्चे काफी खुश हैं, तो वहीं अध्यापक भी इसे काफी उत्साहजनक मान रहे हैं।
फिलहाल, देश के अनेक सरकारी-प्राइवेट स्कूलों में स्मार्टफोन सहारे बच्चों का भविष्य संवारने की कोशिश हो रही है और व्हाट्सएप, यूट्यूब और वीडियो इसके वाहक बन गए हैं।
देश के हजारों पब्लिक स्कूलों के चेयरमैन और प्रिंसिपल्स जैसे शीर्ष प्रतिनिधियों के संगठन इंटरनेशनल यूनाइटेड एजुकेशनिस्ट फ्रेटर्निटी के चेयरमैन जयंत चौधरी ने एक मिडिया रिपोर्टर को बताया कि स्मार्टफोन से बच्चों को पढ़ने का तरीका काफी कारगर साबित हो रहा है।
हर क्लास के विशेष टीचर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसमें बच्चों को पढ़ने के मैटेरियल भेज रहे हैं। पढ़ाई की सामग्री की वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर दी जाती है। बच्चे इसे अपनी सुविधानुसार समय पर मैटेरियल पढ़कर अध्ययन करते हैं और वीडियो देखकर उन्हें समझने की कोशिश करते हैं। इसके बाद उन्हें जो चीजें नहीं समझ आई रहती हैं
उन पर वे व्हाट्सएप के जरिए अपने अध्यापक से सवाल करते हैं। अध्यापक भी व्हाट्सएप से ही उन सवालों के जवाब दे देते हैं। इससे बच्चों की ज्यादातर समस्याएं हल हो जाती हैं।
स्मार्टफोन से संवर सकता है बच्चों का भविष्य
Reviewed by Indrajeet Saini
on
April 13, 2020
Rating:
No comments:
Thank you for comment