Motivational Story
Motivational Story in Hindi दोस्तो हम आपके साथ शेयर कर रहे है।
आज राजेश और पल्लवी के Ghar खुशी का माहौल था
और हो भी क्यों नहीं आज 5 साल बाद उनके घर बेटे का जन्म जो हुआ है
दोनो उसका नाम सोचने में लग गए और finally उसका नाम रखा गया इन्द्रजीत राजेश और पल्लवी ने अपनी संतान के बारे में कई सपने भी देख रखे है उन दोनों ने पहले से ही सोच रखा है वो अपने बेटे को Doctor बनाएंगे ।
जैसे ही इन्द्रजीत 4 साल का हुआ उसका admission शहर के अच्छे स्कूल में करा दिया गया।इन्द्रजीत बचपन से ही बहुत ही अच्छी penting बनाता। किसी को यकीन ही नही होता की ये पेंटिंग 4 साल के बच्चे ने बनायी है।
इन्द्रजीत पढ़ने में भी बहुत अच्छा था हमेशा class में 1st आता क्लास 11 में उसे subject select करने थे । न चाहते हुए भी उसे biology लेनी पढ़ी क्यो की उसके parents चाहते थे की वह doctor बने पर वह एक painter बनना चाहता था
इन्द्रजीत ने अपने पेरेंट्स से बात भी की वह डॉक्टर नहीं बनना चाहता। पर उसके पेरेंट्स ने साफ साफ कह diya वो उसे पेंटिंग में अपना future खराब नही karne देंगे।
मजबूरी में इन्द्रजीत को अपने पेरेंट्स की बात माननी पड़ी। इन्द्रजीत का पढ़ाई में प्रदर्शन पहले से कुछ खराब हो गया। क्लास 12 करने के बाद इन्द्रजीत को medical college में admission लेना पड़ा। और पढ़ाई पूरी करके इन्द्रजीत ने अपना मेडिकल भी खोल लिया कुछ समय बाद इन्द्रजीत की शादी भी हो गयी और एक बेटी भी।
Par उसके मन का कही न कही apna मुख्य लक्ष्य पेंटिंग करना सिर्फ सपना बन गया। पर अब इन्द्रजीत के जीवन का लक्ष्य था। जो काम वो नही कर सका उसकी बेटी करे। और इन्द्रजीत अपनी बेटी को एक painter बनाना चाहता था ,
यह जाने बिना की उसकी बेटी किया बनना चाहती है।
Dosto हम इस तरह की पहले भी कई बात Sun और पढ़ चुके होंगे, कई movie भी देखी होंगी जैसे 3idiots, taare zameen par, पर जब असलियत में अपने बच्चों पर apply करने की बात आती है,
हम अपने बच्चों को दूसरो से compaire करने लगते है या सोचने लगते है जो काम हमने नही किया वो बच्चे करे। या समाज किया कहेगा आदि आदि, Abhi जरूरत है Apne बच्चों को पूरी समाज देने की और उन्हें उनके पसंद का career select करने की आजादी देने की।
Agar हम जीवन मे सफल Hona चाहते है (सफल होना, मतलब khush रहना, संतुष्ट रहना, जीवन ka आनंद लेना न कि सिर्फ पैसे कमाना ) तो बही करे जो हमे पसंद हो, Apne कई लोगो के Bare में सुना होगा जिनका लोगो ने पहले बहुत मजाक उड़ाया पर आज सब उन्ही की तरह बनना चाहते है।
जैसे सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, संदीप माहेश्वरी, आदि आदि। Agar उनके पेरेंट्स भी उन्हें किसी फील्ड में जाने के लिए वाध करते तो उनका किया होता Aap खुद ही सोच सकते है।
ये Motivational story in hindi पोस्ट आपको कैसी लगी इस बारे में हमे अपने विचार नीचे comment के माध्यम से अवश्य दे।
Motivational Story in Hindi दोस्तो हम आपके साथ शेयर कर रहे है।
आज राजेश और पल्लवी के Ghar खुशी का माहौल था
और हो भी क्यों नहीं आज 5 साल बाद उनके घर बेटे का जन्म जो हुआ है
दोनो उसका नाम सोचने में लग गए और finally उसका नाम रखा गया इन्द्रजीत राजेश और पल्लवी ने अपनी संतान के बारे में कई सपने भी देख रखे है उन दोनों ने पहले से ही सोच रखा है वो अपने बेटे को Doctor बनाएंगे ।
जैसे ही इन्द्रजीत 4 साल का हुआ उसका admission शहर के अच्छे स्कूल में करा दिया गया।इन्द्रजीत बचपन से ही बहुत ही अच्छी penting बनाता। किसी को यकीन ही नही होता की ये पेंटिंग 4 साल के बच्चे ने बनायी है।
इन्द्रजीत पढ़ने में भी बहुत अच्छा था हमेशा class में 1st आता क्लास 11 में उसे subject select करने थे । न चाहते हुए भी उसे biology लेनी पढ़ी क्यो की उसके parents चाहते थे की वह doctor बने पर वह एक painter बनना चाहता था
इन्द्रजीत ने अपने पेरेंट्स से बात भी की वह डॉक्टर नहीं बनना चाहता। पर उसके पेरेंट्स ने साफ साफ कह diya वो उसे पेंटिंग में अपना future खराब नही karne देंगे।
मजबूरी में इन्द्रजीत को अपने पेरेंट्स की बात माननी पड़ी। इन्द्रजीत का पढ़ाई में प्रदर्शन पहले से कुछ खराब हो गया। क्लास 12 करने के बाद इन्द्रजीत को medical college में admission लेना पड़ा। और पढ़ाई पूरी करके इन्द्रजीत ने अपना मेडिकल भी खोल लिया कुछ समय बाद इन्द्रजीत की शादी भी हो गयी और एक बेटी भी।
Par उसके मन का कही न कही apna मुख्य लक्ष्य पेंटिंग करना सिर्फ सपना बन गया। पर अब इन्द्रजीत के जीवन का लक्ष्य था। जो काम वो नही कर सका उसकी बेटी करे। और इन्द्रजीत अपनी बेटी को एक painter बनाना चाहता था ,
यह जाने बिना की उसकी बेटी किया बनना चाहती है।
Dosto हम इस तरह की पहले भी कई बात Sun और पढ़ चुके होंगे, कई movie भी देखी होंगी जैसे 3idiots, taare zameen par, पर जब असलियत में अपने बच्चों पर apply करने की बात आती है,
हम अपने बच्चों को दूसरो से compaire करने लगते है या सोचने लगते है जो काम हमने नही किया वो बच्चे करे। या समाज किया कहेगा आदि आदि, Abhi जरूरत है Apne बच्चों को पूरी समाज देने की और उन्हें उनके पसंद का career select करने की आजादी देने की।
Agar हम जीवन मे सफल Hona चाहते है (सफल होना, मतलब khush रहना, संतुष्ट रहना, जीवन ka आनंद लेना न कि सिर्फ पैसे कमाना ) तो बही करे जो हमे पसंद हो, Apne कई लोगो के Bare में सुना होगा जिनका लोगो ने पहले बहुत मजाक उड़ाया पर आज सब उन्ही की तरह बनना चाहते है।
जैसे सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, संदीप माहेश्वरी, आदि आदि। Agar उनके पेरेंट्स भी उन्हें किसी फील्ड में जाने के लिए वाध करते तो उनका किया होता Aap खुद ही सोच सकते है।
ये Motivational story in hindi पोस्ट आपको कैसी लगी इस बारे में हमे अपने विचार नीचे comment के माध्यम से अवश्य दे।
Motivational story in hindi बही करे जो हमे पसंद हो।
Reviewed by Indrajeet Saini
on
June 15, 2018
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![Motivational story in hindi बही करे जो हमे पसंद हो।](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjl8dleYerWQqZadDfvVf5X9WPh7DPphRtuX6Stgo9PMDRLa8RsP3dXWfnyAzRQn259mhYu3N90CnWj-mZejiIooc9O6im9NEMCF8Xj07c7qCB-TRrxqn52gUdlUWSNJgh5yUTKytoKJEA/s72-c/PicsArt_06-15-03.30.49.jpg)
Nice story
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