टेलीकॉलेर कस्टमर की मजेदार बातचीत
मंजिलें मिले न मिले, ये तो मुकद्दर की बात है,
हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है।
ज़िन्दगी जब ज़ख्म पर दे ज़ख्म तो हँसकर हमें,
आजमाइश की हदों को आजमाना चाहिए।
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले,
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा।
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं।
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे रास्ता हो जाएगा।
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लॉकडाउन के इस दौर में ये Audio सुनकर आप भी हंसने लगोगे।
Reviewed by Indrajeet Saini
on
June 22, 2020
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